शुक्रवार, 18 जून 2010

गुरुवार, 30 जुलाई 2009

रायपुर जेल में शहनाई
रायपुर. बुधवार शाम को राजधानी की सवा सौ साल पुरानी सेंट्रल जेल के इतिहास में एक नया सुखद अध्याय जुड़ा। जेल के कैदियों और पहरेदारों की मौजूदगी में 14 महीने से जेल में बंद शेषमल पाड़े (26) ने वैदिक मंत्रों के बीच सात फेरे लेकर मालती को अपनी जीवनसंगिनी बना लिया। शेषमल पर मालती के साथ बलात्कार करने का आरोप है। पाड़े के मामले की सुनवाई विशेष एट्रोसिटी जज अशोक कुमार गोयल की अदालत में चल रही है। बुधवार को पेशी के दौरान अपने माता-पिता के साथ पहुंची लड़की ने जज से आग्रह किया कि वह आरोपी से शादी करना चाहती है। लड़की ने केस से जुड़े पूरे घटनाक्रम की जानकारी जज को दी।
सुनवाई के बाद जज ने मानवीय पक्ष को देखते हुए शादी को मंजूरी दे दी। उस समय शाम के 5 बज चुके थे और विवाह की रस्म रात 8 बजे के पहले हो जानी चाहिए थी। रात 8 बजे सारे कैदियों को लॉकअप में डाल दिया जाता है। कोर्ट का आदेश मिलते ही वकील छाया राय ने जेल अधीक्षक केके गुप्ता की मदद से शादी का सारा इंतजाम करवाया। कैदी को जेल से बाहर नहीं लाया जा सकता था, इसलिए जेल के अंदर सुप्रीटेंडेंट के दफ्तर के बरामदे में ही हवनकुंड बनाकर शादी की तैयारी की गई। आर्य समाज मंदिर के पुरोहित पंडित रामदेव की उपस्थिति में शाम 7.10 बजे शेषमल और मालती ने अग्नि को साक्षी मानकर फेरे लिए और जिंदगी भर के लिए एक हो गए। कन्यादान के लिए लड़की के पिता खेदू और मां सेवक बाई मौजूद थे। लड़के के परिवार का कोई भी सदस्य शादी में शामिल नहीं हुआ। शादी की रस्म खत्म होने के बाद नव विवाहित जोड़े ने कन्या के माता-पिता और उसके बाद अधीक्षक श्री गुप्ता, वकील व जेल के आरक्षकों से आशीर्वाद लिया। शादी का प्रमाणपत्र और शपथपत्र वकील गुरुवार को अदालत में पेश करेंगे। वकीलों ने बताया कि दस्तावेजों के बाद जज आरोपी के बारे में फैसला करेंगे।
क्या है मामला
आरोपी के वकील आशुतोष दुबे और सरकारी वकील एमएम अग्रवाल ने बताया कि पिछले दो साल से आरोपी शेषमल पाड़े और मालती का प्रेम संबंध था। शेषमल का परिवार शादी के लिए राजी नहीं हुआ तो दोनों घर से भागकर नागपुर चले गए और वहां साथ रहने लगे। कुछ समय बाद वे अपने गांव गिरसुल देवभोग लौट आए। घरवालों और परिवार के दबाव के बीच जब लड़के ने शादी से इनकार करते हुए मालती को उसके घर भेज दिया तो युवती के परिवार ने थाने में रिपोर्ट करवा दी। 10 जून 2008 को शेषमल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गिफ्ट में मिला गृहस्थी का सामान
जेल अधीक्षक डॉ. गुप्ता ने जेल की कल्याण निधि से नवविवाहित जोड़े को बर्तन का सेट देकर उनकी गृहस्थी की शुरुआत का इंतजाम भी कर दिया। साथ ही वकीलों, आर्य समाज के प्रधान व अन्य सदस्यों ने भी युगल दंपत्ति को उपहार स्वरूप कुछ रकम दी।

शुक्रवार, 2 जनवरी 2009

राज्यपाल महोदय का नव वर्ष संदेश



छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल इ.अस.एल नरसिम्हन का शुभकामना संदेश प्रदेश की जनता के नाम